दौसा बोरवेल हादसा : 56 घंटे रेस्क्यू के बाद आर्यन की मौत, खुले बोरवेल पर हर बार उठते सवाल और लाचार विभाग!

दौसा के कालीखाड गांव में बोरवेल में गिरे आर्यन को 56 घंटे बाद निकाला गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया।

दौसा : राजस्थान में दौसा जिले के कालीखाड गांव में 56 घंटे के रेस्क्यू ऑपरेशन के बाद आर्यन को बोरवेल से निकाला गया, लेकिन अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया। सोमवार को खेलते समय आर्यन बोरवेल में गिर गया था। स्थानीय प्रशासन, NDRF, SDRF और सिविल डिफेंस ने उसे बचाने की पूरी कोशिश की। बोरवेल में भोगी होने और CCTV की खराबी से रेस्क्यू ऑपरेशन में कई मुश्किलें आईं। पाइलिंग मशीन से खुदाई में भी देरी हुई। आखिरकार NDRF ने आर्यन को हुक से पकड़कर बाहर निकाला, लेकिन बहुत देर हो चुकी थी।

जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार भी मौके पर मौजूद रहे

कालीखाड गांव में सोमवार को एक दर्दनाक हादसा हुआ। खेलते-खेलते आर्यन नाम का एक बच्चा खुले बोरवेल में गिर गया। यह खबर आग की तरह फैल गई और देखते ही देखते पूरा गांव घटनास्थल पर जमा हो गया। स्थानीय पुलिस सबसे पहले मौके पर पहुंची और जिला कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने खुद कमान संभाली। बच्चे को बचाने के लिए एक बड़ा रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया गया।

NDRF, SDRF और सिविल डिफेंस की टीमें भी मदद के लिए बुलाई गईं। बोरवेल के पास एक भोगी होने से रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। भोगी की वजह से रेस्क्यू उपकरण बोरवेल में ठीक से नहीं जा पा रहे थे। CCTV कैमरे से भी अंदर की सही स्थिति का पता नहीं चल पा रहा था, क्योंकि मोसचर्य के कारण तस्वीरें धुंधली आ रही थीं।

मुश्किलें आती रही, कोशिशें जारी रही लेकिन…

एक तरफ NDRF की टीम सीधे बोरवेल में रॉड डालकर बच्चे को निकालने की कोशिश कर रही थी, तो दूसरी तरफ बोरवेल के बगल में एक गड्ढा भी खोदा जा रहा था। कलेक्टर देवेंद्र कुमार ने पाइलिंग मशीन मंगवाई, लेकिन मशीन आने में देरी हुई। अगले दिन सुबह पाइलिंग मशीन काम शुरू कर पाई, लेकिन कुछ घंटों बाद ही उसमें खराबी आ गई। एक दूसरी पाइलिंग मशीन मंगवानी पड़ी, जिससे रेस्क्यू ऑपरेशन में और देरी हुई।

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