राजस्थान उपचुनाव के लिए 13 नबंवर को वोटिंग हुई थी. पिछले महीने 23 नबंवर को चुनाव परिणाम जारी किया गया. इन 7 विधानसभा सीट में से 5 सीटों पर सत्ताधारी दल बीजेपी ने जीत दर्ज की.

राजस्थान उपचुनाव में 7 सीटों पर नवनिर्वाचित विधायक मंगलवार, 3 दिसंबर को शपथ ली. इन विधायकों को स्पीकर वासुदेव देवनानी ने अपने चेंबर में शपथ दिलाई. रेवतराम डांगा, शांता देवी मीणा, डीसी बैरवा, राजेन्द्र गुर्जर, राजेन्द्र भांबू, सुखवंत सिंह और अनिल कटारा शपथ ली. दौसा सीट से डीसी बैरवा किरोड़ीलाल मीणा के भाई डॉ. जगमोहन मीणा को हराकर सदन पहुंचे हैं. जबकि खींवसर से आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल की पत्नी कनिका बेनीवाल को शिकस्त देने वाले रेवतराम डांगा, सलूम्बर से शांता देवी मीणा,देवली-उनियारा से राजेन्द्र गुर्जर, झुंझुनूं से राजेन्द्र भांबू और रामगढ़ से सुखवंत सिंह विधायक बने. भारत आदिवासी पार्टी के गढ़ चौरासी से इस बार अनिल कटारा ने चुनाव जीता.
उपचुनाव के बाद बदल गया विधानसभा का गणित
राजस्थान उपचुनाव के लिए 13 नबंवर को वोटिंग हुई थी. पिछले महीने 23 नबंवर को चुनाव परिणाम जारी किया गया. इन 7 विधानसभा सीट में से 5 सीटों पर सत्ताधारी दल बीजेपी ने जीत दर्ज की. जबकि विपक्षी पार्टी कांग्रेस को महज दौसा पर ही जीत हासिल हुई. भारतीय आदिवासी पार्टी भी अपने गढ़ चौरासी को बचाने में कायमाब रही है. इलेक्शन रिजल्ट के बाद अब विधानसभा का गणित भी बदल जाएगा.
विधानसभा में आरएलपी साफ, बीजेपी की बढ़ी ताकत
बीजेपी की 4 सीटें बढ़ने से आंकड़ा 119 का पहुंच गया है. जबकि कांग्रेस 70 से घटकर 67 पर पहुंच गई है. वहीं, बीएपी की संख्या पर कोई फर्क नहीं पड़ा है. सदन में बीएपी के 4 विधायक हो गए हैं. आरएलपी को जरूर बड़ा नुकसान हुआ है. खींवसर में हार के साथ ही सदन में पार्टी का प्रतिनिधित्व खत्म हो गया है. क्योंकि मौजूदा स्थिति में पार्टी का एक भी विधायक सदन में नहीं है. जबकि बीएसपी के 2 और 8 निर्दलीय विधायक हैं.