इस्तीफा प्रकरण में शांति धारीवाल और महेश जोशी सहित तत्कालीन 6 विधायकों को नोटिस

साल 2022 में कांग्रेस सरकार में हुए इस्तीफा प्रकरण में राजस्थान हाईकोर्ट ने तत्कालीन 6 विधायकों को नोटिस जारी किया है.

सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की खंडपीठ ने यह आदेश भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ की जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. अदालत ने गत सुनवाई को इन तत्कालीन 6 विधायकों को पक्षकार बनाने के लिए प्रार्थना पत्र पेश किया था, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया था. इन 6 तत्कालीन विधायकों ने अपने व 75 अन्य विधायकों के इस्तीफे 25 सितंबर, 2022 को स्पीकर को सौंपे थे.

पढ़ें. Congress MLAs resignation: कांग्रेस विधायकों के इस्तीफे अस्वीकार करने के निर्णय को चुनौती के लिए दिया समय

अधिवक्ता हेमंत नाहटा ने बताया कि याचिकाकर्ता राजेन्द्र सिंह राठौड़ ने शांति धारीवाल सहित अन्य को इस मामले में पक्षकार बनाने के लिए यह प्रार्थना पत्र इसलिए दायर किया था, ताकि पता चल सके कि कांग्रेस के 81 एमएलए ने किसके दबाव में विधानसभा स्पीकर को इस्तीफे सौंपे थे. दरअसल, इस मामले में पिछली सुनवाई पर मौजूदा स्पीकर का जवाब आया था. इसमें कहा गया था कि एमएलए ने अपना इस्तीफा वापस लेने वाले प्रार्थना पत्रों में कहा था कि उन्होंने इस्तीफे स्वैच्छिक तौर पर नहीं दिए गए थे और कई ने कहा था कि उन्होंने अपने इस्तीफे व्यक्तिगत तौर पर उपस्थित होकर नहीं दिए थे

याचिकाकर्ता की ओर से अदालत को कहा गया था कि इस्तीफा देने के बाद इन 81 विधायकों ने वेतन भत्तों के तौर पर करीब 18 करोड़ रुपए प्राप्त किए हैं. ऐसे में इस बिन्दु पर उचित आदेश दिए जाएं. इसके अलावा स्पीकर के समक्ष लंबित इस्तीफों के संबंध में निर्णय करने की अधिकतम समय सीमा तय की जाए.

Rajasthan Politics: सितंबर 2022 में कांग्रेस के 81 विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के मामले हाईकोर्ट में आज सुनवाई हुई. मुख्य न्यायाधीश एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस उमाशंकर व्यास की पीठ ने मामले की सुनवाई की. बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ की याचिका पर सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कांग्रेस के 6 नेताओं को नोटिस जारी कर उनसे जवाब मांगा. कोर्ट ने शांति धारीवाल, महेश जोशी, रफीक खान, संयम लोढ़ा, महेंद्र चौधरी और रामलाल जाट को नोटिस जारी कर 4 सप्ताह में जवाब देने को कहा है. 2 साल पहले हुए कांग्रेस विधायकों के सामूहिक इस्तीफे के मामले में भाजपा नेता राजेंद्र राठौड़ (Rajendra Rathore) हाईकोर्ट गए थे. हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान पिछले साल विधानसभा सचिवालय ने यह कहा था कि विधायकों के इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे, इसलिए उसे स्वीकार नहीं किया गया. इसी मामले पर सुनवाई करते हुए अब कोर्ट ने 6 नेताओं से जवाब मांगा है. जवाब मिलने के बाद मामले की अगली सुनवाई होगी. 

राजेंद्र राठौड़ बोले- विधायकों के वेतन भत्ते की हो रिकवरी

बीजेपी नेता राजेंद्र राठौड़ ने बताया कि गहलोत सरकार को बचाने के लिए 81 विधायकों के त्यागपत्र षड़यंत्रपूर्वक ले लिए गए थे. 25 सितंबर को विधायकों ने यह कहकर त्यागपत्र दिए गए कि वह पद पर रहना नहीं चाहते हैं. उसके बाद यह कहकर वापस लिए, वह इस्तीफे स्वैच्छिक नहीं थे. यह इस्तीफे संयम लोढ़ा, महेंद्र चौधरी, शांति धारीवाल, महेश जोशी समेत 6 विधायकों ने इस्तीफे लिए थे. कोर्ट ने 6 विधायकों को पक्षकार बनाया और नोटिस इश्यू किया है. राठौड़ ने कहा कि अगर इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे तो आखिर इस्तीफे किनके दबाव में हुए, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही इस्तीफे के बाद इन विधायकों को जो वेतन भत्ता दिया गया है, उसकी भी रिकवरी होनी चाहिए. 

राठौड़ ने कहा कि अगर इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे तो आखिर इस्तीफे किनके दबाव में हुए, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही इस्तीफे के बाद इन विधायकों को जो वेतन भत्ता दिया गया है, उसकी भी रिकवरी होनी चाहिए.

राठौड़ ने कहा कि अगर इन विधायकों ने स्वेच्छा से इस्तीफे नहीं दिए थे तो आखिर इस्तीफे किनके दबाव में हुए, इसकी जांच होनी चाहिए. साथ ही इस्तीफे के बाद इन विधायकों को जो वेतन भत्ता दिया गया है, उसकी भी रिकवरी होनी चाहिए.

25 सितंबर को 81 विधायकों ने दिए थे इस्तीफा, यहां जानिए पूरा मामला

दरअसल, सितंबर 2022 में कांग्रेस आलाकमान के निर्देश पर दो पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन जयपुर पहुंचे थे. उन्हें विधायक दल की बैठक में एक लाइन का प्रस्ताव पारित कराने का संदेश मिला था. तत्कालीन सीएम अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शामिल थे, ऐसे में चर्चा थी कि राष्ट्रीय अध्यक्ष की ताजपोशी से पहले प्रदेश में नेतृत्व परिवर्तन होगा और सचिन पायलट मुख्यमंत्री बनाए जाएंगे. इस चर्चा के बीच गहलोत खेमे ने विधायक दल की बैठक का बहिष्कार किया. विधायकों ने कांग्रेस आलाकमान की बैठक में जाने की बजाय तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के आवास पर एक समानांतर बैठक हुई

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *