मेवाड़ की गद्दी को लेकर महाराणा प्रताप के वंशजों में जंग छिड़ी हुई है. उदयपुर राजपरिवार के बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ को आज गद्दी पर बैठाया जाएगा. हालांकि उनके चाचा अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह ने इसे गैरकानूनी बताया है.

महाराणा प्रताप के वंशजों में इस बात को लेकर जंग छिड़ी हुई है कि चित्तौड़गढ़ किले और उदयपुर के रियासत का असली उत्तराधिकारी कौन है. उदयपुर के आस-पास की रियासतों ने ये तय किया है कि BJP के राजसमंद के विधायक और उदयपुर राज परिवार के बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ के बेटे विश्वराज सिंह मेवाड़ का आज चित्तौड़गढ़ किले में पगड़ी दस्तूर किया जाएगा. महेंद्र सिंह मेवाड़ के निधन के बाद यह परंपरा निभाई जा रही है. विश्वराज सिंह की पत्नी भी राजसमंद से बीजेपी सांसद हैं.
उधर छोटे बेटे और सिटी पैलेस में रहने वाले पूर्व महराजा अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे युवराज लक्ष्यराज सिंह ने इसे पूरी तरह से गैरकानूनी कहा है. उनका कहना है कि मेवाड़ राजघराना एक ट्रस्ट के जरिए चलता है जिसका संचालन उनके पिता ने उन्हें दे रखा है. पूर्व महाराजा ने बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ और उनक परिवार को उदयपुर के शाही गद्दी से बेदखल कर रखा है इसलिए राजगद्दी पर अधिकार छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ और उनके बेटे लक्ष्यराज सिंह का ही है.
उधर चित्तौड़गढ़ में राजा घोषित किए जाने के बाद विश्वराज सिंह उदयपुर के सिटी पैलेस मैं जाकर धूणी स्थल पर नमन करना चाहते हैं और उसके बाद एकलिंगजी महाराज के मंदिर में दर्शन करना चाहते हैं. मगर मौजूदा ट्रस्ट के मुखिया अरविंद सिंह मेवाड़ ने इसे गैर कानूनी घोषित कर कहा है कि दोनों ही जगह BJP विधायक विश्वराज सिंह को प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा. इसे लेकर अखबारों में बड़े-बड़े इश्तिहार भी दिए गए हैं.
जिला कलेक्टर अरविंद पोसवाल का कहना है कि जो भी स्थिति बनेगी उसे लेकर निर्णय लिया जाएगा. हम दोनों पक्षों को समझाने के लिए कई बाद मीटिंग कर चुके हैं.उधर भिंडर के पूर्व महाराजा रणधीर सिंह भिंडर का कहना है कि कार्यक्रम पहले से निर्धारित हो चुका है और चित्तौड़गढ़ में कार्यक्रम के बाद हम सिटी पैलेस धूणी जाएंगे. प्रशासन ने मध्यस्थता करने की कोशिश की मगर बात बनी नहीं है.
खून से होगा राजतिलक : विश्व राज सिंह का पगड़ी दस्तूर यानी राजतिलक 25 नवंबर को सुबह 10 बजे चित्तौड़गढ़ ज़िले के फतह प्रकाश महल में करने की तैयारी की गई है. कार्यक्रम में सलूम्बर के रावत देवब्रत सिंह हाथ पकड़कर शिवराज सिंह को मेवाड़ की गद्दी पर बैठाएंगे और इस रस्म में खून से तिलक करने की परंपरा को भी दोहराया जाएगा. खून का तिलक करने की परंपरा महराणा प्रताप के समय हुई थी जब तिलक करने के लिए कुमकुम नहीं मिला था तो चुंडा जी के वंशज वरिष्ठ रावत ने गोगूंदा में कुंवर प्रताप का अपनी उंगली काटकर खून से राजतिलक किया था.
क्या है पुराना विवाद? –उदयपुर के गद्दी को लेकर विवाद काफ़ी पुराना है. बड़े बेटे महेंद्र सिंह मेवाड़ और छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ के बीच इसे लेकर कई बार टकराव हो चुका है कई अदालतों में यह मामला चल रहा है हालांकि अभी मेवाड़ चैरिटेबल ट्रस्ट के जरिए छोटे बेटे अरविंद सिंह मेवाड़ ही उदयपुर राज घराने के गद्दी को संभालते हैं और सिटी पैलेस में रहते हैं. बड़े बेटे उदयपुर के किले से दूर निवास करते रहे हैं मगर आस-पास के रियासतों में बड़े बेटे का प्रभाव ज्यादा रहता था
लक्ष्यराज सिंह मेवाड़, उदयपुर के मेवाड़ राजघराने के वंशज हैं. वे एक शिक्षाविद, बिज़नेस लीडर, खेल संरक्षक, और सात बार के गिनीज़ वर्ल्ड रिकॉर्ड धारक हैं. वे एचआरएच ग्रुप ऑफ़ होटल्स के कार्यकारी निदेशक हैं. लक्ष्यराज सिंह मेवाड़ के बारे में कुछ और खास बातेंः
- उनका जन्म 28 जनवरी, 1985 को हुआ था.
- वे उदयपुर के श्रीजी अरविंद सिंह मेवाड़ और श्रीमती विजयराज कुमारी मेवाड़ के इकलौते बेटे हैं.
- उन्होंने महाराणा मेवाड़ पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की और फिर मेयो कॉलेज से ग्रेजुएशन किया.
- ऑस्ट्रेलिया से उन्होंने बिज़नेस और होटल मैनेजमेंट में उच्च शिक्षा हासिल की.
- उन्होंने अपना करियर वेटर के तौर पर शुरू किया था.
- उन्होंने ऑस्ट्रेलिया के कई होटलों और कैफ़े में काम किया.
- उन्होंने ओडिशा के बालांगीर के पूर्व रियासत परिवार की निवृत्ति कुमारी देव से शादी की.
- वे विद्यादान और महाराणा मेवाड़ चेरिटेबल फ़ाउंडेशन के ट्रस्टी हैं.
- वे महाराणा प्रताप (मोती मगरी) स्मारक समिति और उदयपुर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष हैं.
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