16 करोड़ का टीका लगे तो बच सकती है मासूम याम्या की जान, डॉक्टरों ने कहा- बस एक महीना बचा

याम्या के पिता लीला की ढाणी निवासी सुनील कुमार ने बताया कि 21 महीने की होने के बावजूद याम्या पैर उठाकर नहीं चली तो जयपुर के डॉक्टर को दिखाया। याम्या की विभिन्न प्रकार की जांच की गई।

झुंझुनूं की 21 माह की याम्या को दुर्लभ बीमारी स्पाइनल मस्कुलर एट्रोफी है। वह चल नहीं सकती, लेकिन एक मदद से वह चल सकती है और उसका इलाज भी हो सकता है। इलाज करवाने के लिए 16 करोड़ रुपए का टीका लगवाने की जरूरत है। याम्या का इलाज कर रहे चिकित्सकों का कहना है कि याम्या को एक महीने में टीका नहीं लगेगा तो जान को खतरा भी हो सकता है।

याम्या के पिता लीला की ढाणी निवासी सुनील कुमार ने बताया कि 21 महीने की होने के बावजूद याम्या पैर उठाकर नहीं चली तो जयपुर के डॉक्टर को दिखाया। याम्या की विभिन्न प्रकार की जांच की गई। जांच रिपोर्ट आने के बाद जेके लोन हॉस्पिटल के डॉ. प्रियांशु माथुर ने पत्र लिखकर दुर्लभ बीमारी से ग्रसित होने की जानकारी परिवार को दी। सुनील कुमार रघुनाथपुरा ग्राम पंचायत में ग्राम विकास अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं। याम्या की मां ममता गुढ़ागौड़जी तहसील कार्यालय में राजस्व लेखाकार के पद पर कार्यरत हैं।

पैर नहीं करते काम

पिता ने बताया कि याम्या चल नहीं सकती है। डॉक्टरों ने कहा है कि इलाज के लिए जोलगेनेस्मा इंजेक्शन लगवाने की जरूरत है। इंजेक्शन की कीमत लगभग 16 करोड़ है। इसे अमरीका से मंगवाना पड़ता है।

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