नव विवाहिता के आत्महत्या मामले में उसके पति को 7 साल का कठोर कारावास और अर्थदंड की सजा सुनाई है।

नीमकाथाना अपर सेशन न्यायाधीश की अदालत ने नव विवाहिता के आत्महत्या के मामले में उसके पति को सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है। मामला जिले के पाटन इलाके स्यालोदड़ा का है। इसमें नव विवाहिता ने घरेलू दबाव और उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या कर ली थी। पुलिस की जांच के दौरान यह सामने आया था कि मृतका के पति ने उसे मानसिक और शारीरिक उत्पीड़न का शिकार बनाया था। इस पर पुलिस ने पति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर कोर्ट में चालान पेश कर दिया था।अपर लोक अभियोजक बंटेश कुमार सैनी ने बताया कि परिवादी मंगलचंद मेघवाल ने 15 मार्च 2021 को पाटन थाना में रिपोर्ट दर्ज करवाई थी। इसमें बताया गया था कि दिसंबर 2019 को उसकी बेटी कंचन की शादी श्यालोदडा निवासी राकेश कुमार के साथ हुई थी। शादी के बाद से ही उसकी पुत्री कंचन को दहेज के लिए परेशान किए जाने लगा। कई बार समझाने की कोशिश भी की गई। लेकिन, इनका परेशान करना जारी रहा। 15 मार्च 2021 को सुबह 11.30 बजे घासीराम का फोन आया कि उनकी बेटी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है। मंगलचंद ने शक जताया था कि उसकी बेटी को मारा गया है।
“पापा ने रात को मम्मी की पिटाई की थी”
मृतका कंचन को उसके ससुराल वाले अस्पताल लेकर आए लेकिन, यहां इन्होंने फांसी की बात नहीं बताई। मृतका की बेटी दिव्या ने बताया कि पापा ने रात को मम्मी की पिटाई की थी। मामले में सुनवाई के बाद अपर सेशन न्यायाधीश क्रम संख्या दो नीलम शर्मा ने अभियुक्त राकेश को दोषी मानते हुए विभिन्न धाराओं में सात साल की कड़ी कैद व 30 हजार का अर्थदंड की सजा सुनाई है। अर्थदंड पर अदम अदायगी दो माह का अतिरिक्त साधारण कारावास की सजा सुनाई गई हैं।